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मसल्स मास फास्ट कैसे बढ़ाएं? | Muscles Mass Fast Kaise Badhaye | Fitness From ABC

नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम आज आपको बताने वाले हैं कि मसल्स मास फास्ट कैसे बढ़ाएं? | Muscles Mass Fast Kaise Badhaye? (वेट ट्रेनिंग का विज्ञान) 
  यदि आप जिम जाकर वेट ट्रेनिंग करते हैं और आपका गोल मसल मास को बढ़ाना है तो उसके पीछे शरीर विज्ञान होता है जो आपको ध्यान में रखना चाहिए, जो आपके मसल मास को दुगना बढ़ाने में मदद करेगा, और यही हम आज के लेख में पढ़ने वाले हैं।


मसल्स मास फास्ट कैसे बढ़ाएं? | Muscles Mass Fast Kaise Badhaye?


मसल मास को बढ़ाने के लिए वेट ट्रेनिंग सबसे जरूरी होती है।
और वेट ट्रेनिंग करते समय आपको पांच बातों का सबसे ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है जो वेट ट्रेनिंग में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है, जो आपको मसल मास फास्ट बढ़ाने में मदद करता है।


1) Progressive Overload (प्रगतिशील अधिभार):

Doubles with different different weight range


इसे हम एक आसान उदाहरण से समझते हैं, मान लो आप जिम में हो और आप 10 किलो डंबल से शोल्डर ओवरहेड प्रेस लगा रहे हो, और आपने उसके 10 रेप्स लगाये। उस समय होता यह है कि वेट ट्रेनिंग से आप अपने मसल को ब्रेक करते हो, और जब जब आप अपने मसल को ब्रेक करते हो आपकी बॉडी आपके मसल को रिप्लेस करती है उससे मजबूत मसल से, और उसी वेट ट्रेनिंग का परिणाम होता है आपके मसल मास का साइज और उसकी ताकत बढ़ना।
मान लो आप 1 महीने तक 10 किलो डंबल से शोल्डर ओवरहेड प्रेस के 10-10 रेप्स लगाते हैं, तो आपके मसल अपने आप ही इतने स्ट्रांग हो जाते हैं कि वह उससे ज्यादा वेट लगाने की क्षमता रखते हैं। उसे समय आपको डंबल का वेट बढ़ाना चाहिए, उदाहरण के लिए 10 किलो की जगह आपको 12 किलो के 10-10 रेप्स लगाने चाहिए। इस चीज को ही प्रोग्रेसिव ओवरलोड कहते हैं जो मसल मास बढ़ाने में सबसे जरूरी होता है।

2) Volume (वॉल्यूम):

A man doing exercise

वॉल्यूम यह थोड़ी सी जटिल अवधारणा है, जो मसल मास को फास्ट बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। तो चलिए इसे आसान फार्मूला से समझते हैं।
Volume = Total Reps × Total Weight
मान लो आप किसी एक्सरसाइज के 10 किलो वेट से 10 रेप्स लगाते हैं तो आपका ओवरऑल वॉल्यूम 100 (10×10=100) होता है। आपको भी हर रोज अपना वॉल्यूम नोटबुक मैं ट्रैक करना होता है और समय के साथ-साथ उसको बढ़ाना होता है जिससे आपका प्रोग्रेशन होता है। और आपके मसल्स जल्दी से बढ़ने में मदद मिलती है।

3) Workout Form (वर्कआउट फॉर्म):

A man doing exercise

मेरी राय के मुताबित अगर वेट ट्रेनिंग में सबसे ज्यादा महत्तवपूर्ण होता है तो वह वर्कआउट फॉर्म होता है। अगर आप जिम जाते हो चाहे आपने अभी शुरुआत की हो या आप बहुत सालो से कर रहे हो, आपको सबसे ज्यादा ध्यान वर्कआउट फॉर्म के ऊपर देना चाहिए। क्योंकि यही एक चीज है जिसका असर डायरेक्ट आपके भविष्य के ऊपर पड़ता है। गलत वर्कआउट फॉर्म लंबे समय के बाद आपकी बॉडी को हानि पहुंचा सकता है जिसके कई सारे उदाहरण है। इसीलिए आपको अपने वर्कआउट फॉर्म के ऊपर सबसे ज्यादा ध्यान रखना है। वर्कआउट फॉर्म के लिए आप पर्सनल ट्रेनर भी रख सकते हैं।

मसल्स मास फास्ट कैसे बढ़ाएं? | Muscles Mass Fast Kaise Badhaye?


4) Rep Range (रेप रेंज):

रेप शब्द का अर्थ रिपीटेशन (Repetitions) होता है जो आप किसी एक्सरसाइज के सेट के करते हो। आप जितने रेप्स लगाते हो उसका इफेक्ट आपकी बॉडी पर पड़ता है और अलग-अलग रेप रेंज का अलग-अलग इफेक्ट है। तो चलिए रेप रेंज को और अच्छे से समझते हैं।
रेप रेंज के तीन मुख्य प्रकार होते हैं।

1) Low Rep Range (लो रेप रेंज) - लो रेप रेंस आपकी स्ट्रैंथ बढ़ाने में मदद करता है जिसमें हम ज्यादा से ज्यादा हैवी वेट लेकर वेट ट्रेनिंग करते हैं, जिसमें आप 1 से लेकर 6 तक रेप्स लगा सकते हो।

2) High Rep Range (हाय रेप रेंज) - हाय रेप रेंज आपकी साइज बढ़ाने में मदद करता है ना कि आपकी स्ट्रैंथ इसमें आप 16 से 20 तक रेप्स लगाते हो।

3) Hybrid Rep Range (हाइब्रिड रेप रेंज) - हाइब्रिड रेप रेंज आपको साइज और आपकी स्ट्रैंथ दोनों बढ़ाने में मदद करता है। इसमें आप किसी वेट के 8 से 12 रेप्स लगाते हो।

आप अपने गोल के हिसाब से अपना रेप रेंज चूस कर सकते हैं।


5) Workout Programming (वर्कआउट प्रोग्रामिंग):

Different different workouts and form

आप अपने वर्कआउट को पूरे हफ्ते के लिए कैसे विभाजित करते हैं, इसको वर्कआउट प्रोग्रामिंग कहते हैं। मान लो अगर आप हफ्ते में 6 दिन वर्कआउट करने वाले हो तो आप किस मसल को किस दिन ट्रेन करोगे, यह आपको पहले से ही निश्चित करना होगा, आप किसी भी दिन कौन सा भी मसल ट्रेन नहीं कर सकते।
वर्कआउट प्रोग्रामिंग यह एक डीप टॉपिक है, तो चलिए इस आसान भाषा में समझते हैं।
वर्कआउट प्रोग्रामिंग के लिए आपके पास बहुत सारे पर्याय उपलब्ध होते हैं। आप हफ्ते में 6 दिन अलग-अलग मसल को अलग-अलग दिन ट्रेन कर सकते हैं। (चेस्ट, ट्राइसेप, बैक, बायसेप, शोल्डर, लेग) 
इसके अलावा आप एक दिन दो मसल भी ट्रेन कर सकते हो जिसमें आपको चेस्ट-ट्राइसेप, बैक-बायसेप और लेग-शोल्डर इस प्रकार ग्रुप में कर सकते हो।

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Conclusion:

दोस्तों तो आज हमने मसल्स मास फास्ट कैसे बढ़ाएं? | Muscles Mass Fast Kaise Badhaye? इस लेख में यह जानकारी ली की कैसे आप अपने मसल मास को साइंटिफिक तरीके से बढ़ा सकते हैं। आज का यह लेख आपको कैसा लगा यह हमें कमेंट में जरूर बताएं और अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें।
धन्यवाद!



टिप्पणियाँ

Anil ने कहा…
love this simple explanation.