Introduction:
बल्किंग और कटिंग का विज्ञान:
बॉडीबिल्डर बहुत कठोर ट्रेनिंग करते हैं, लगभग दो से तीन घंटे, जो एक सामान्य व्यक्ति के मुकाबले कहीं ज्यादा है। यदि आपने स्टेरॉयड का सेवन नहीं किया है, तो आप केवल एक घंटे तक ही ट्रेनिंग कर सकते हैं। ऐसे intense वर्कआउट के बाद, मसल्स की रिकवरी के लिए आपको बहुत सारे कार्बोहाइड्रेट्स की आवश्यकता होती है। बॉडीबिल्डर रिकवरी को प्राथमिकता देते हैं, और कटिंग फेज़ में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाते हैं और कार्बोहाइड्रेट्स कम कर देते हैं, ताकि शरीर से फैट कम हो सके।
बॉडीबिल्डर्स वो लोग हैं जिन्होंने वेट ट्रेनिंग को एक अलग तरीके से देखा और इसे ड्रीम फिजीक पाने का एक प्रभावी तरीका माना। फिटनेस की दुनिया में, लोग अक्सर बॉडीबिल्डर्स से प्रेरणा लेते हैं और उनके प्रशिक्षण विधियों को अपनाते हैं। लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, बल्किंग और कटिंग मसल्स बनाने का सबसे प्रभावी तरीका नहीं है, खासकर यदि आप प्राकृतिक (स्टेरॉयड के बिना) हैं।
बल्किंग और कटिंग करणे का सही तरीका | Truth Behind Bulking And Cutting | Fitness From ABC
अब, जब हम "ऑप्टिमल" कहते हैं, तो हमारा मतलब है कि मसल्स बनाने की गति (speed)। अगर आप नेचुरल हैं और बल्किंग अपनाते हैं, तो आपको यह समझना होगा कि शुरुआत में आपका शरीर अनाबोलिक हो जाएगा, लेकिन जैसे-जैसे आपका फैट प्रतिशत बढ़ेगा, यह आपके लिए मुश्किल हो जाएगा। इसका कारण यह है कि शरीर के हार्मोनल सिस्टम पर बल्किंग का प्रभाव पड़ता है, और फैट के साथ मसल्स बनाना उतना फायदेमंद नहीं रहता।
इस लेख में, मैं आपको इंसुलिन की भूमिका समझाऊंगा। इंसुलिन एक हॉर्मोन है, जो शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स को ग्लूकोज में बदलने में मदद करता है, और फिर उस ग्लूकोज को ऊर्जा में परिवर्तित करता है। यह शरीर के हर अंग में ऊर्जा पहुंचाने का काम करता है। इंसुलिन, शरीर में हर मसल्स सेल तक पहुंचता है और वहां पर एक रिसेप्टर के साथ मिलकर काम करता है, जिससे प्रोटीन और ग्लूकोज मसल्स में पहुँचता है और रिकवरी में मदद मिलती है।
जब आप ट्रेनिंग करते हैं, तो आपकी मसल्स टूट जाती हैं, और जब आप घर लौटते हैं, तो आपका शरीर उस मसल्स की रिकवरी के लिए प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों का उपयोग करता है। यह प्रक्रिया तब और अधिक प्रभावी हो जाती है, जब शरीर का इंसुलिन रिसेप्टर अधिक प्रभावी होता है।
लेकिन अगर आपका फैट प्रतिशत ज्यादा है, तो आपका शरीर इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाता है। इसका मतलब है कि आपको वही लाभ पाने के लिए ज्यादा इंसुलिन की आवश्यकता होती है। अगर फैट ज्यादा बढ़ेगा तो शरीर में मसल्स बनाने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। इसलिए, जब आप बल्किंग करते हैं और फैट प्रतिशत बढ़ता है, तो आपका शरीर इंसुलिन के माध्यम से मसल्स बनाने में उतना सक्षम नहीं रह पाता।
बॉडीबिल्डर्स को स्टेरॉयड का उपयोग करना पड़ता है, ताकि वे अधिक कैलोरी ले सकें और उनका शरीर अधिक अनाबोलिक रहे, लेकिन यह तरीका सभी के लिए उपयुक्त नहीं है। प्राकृतिक रूप से, अगर आप बहुत अधिक कैलोरी खाते हैं और शरीर में फैट बढ़ाते हैं, तो इंसुलिन के प्रभाव में कमी आ सकती है। और यही कारण है कि बल्किंग और कटिंग का तरीका हर किसी के लिए काम नहीं करता।
बल्किंग और कटिंग करणे का सही तरीका | Truth Behind Bulking And Cutting | Fitness From ABC
इसलिए, अगर आप नेचुरल हैं, तो बुल्किंग के बजाय आपको अपनी कैलोरी को मेन्टेनेन्स स्तर पर बनाए रखना चाहिए। इसका मतलब है कि आपको अपनी जरूरत के अनुसार ही खाना चाहिए, और कैलोरी की अतिरिक्त मात्रा को कम रखना चाहिए। यदि आप थोड़ा अधिक कैलोरी खा रहे हैं, तो वह 10% तक हो सकता है, ताकि मसल्स बनाने में मदद मिले, लेकिन बिना ज्यादा फैट बढ़ाए।
प्राकृतिक रूप से, अगर आप कम फैट प्रतिशत बनाए रखते हैं, तो आपके शरीर को मसल्स बनाने के लिए अधिक अनाबोलिक वातावरण मिलेगा। इस तरह से आप बिना ज्यादा फैट के मसल्स बना सकते हैं। बल्किंग और कटिंग के चक्र में बहुत से
लोग ज्यादा फैट जमा कर लेते हैं और फिर कटिंग करते हैं, लेकिन यह हमेशा सबसे अच्छा तरीका नहीं होता।आपका उद्देश्य यह होना चाहिए कि आप मसल्स बनाने की प्रक्रिया को धीमा न करें। अगर आप हमेशा कम फैट प्रतिशत बनाए रखते हैं और लगातार ताकत बढ़ाने का प्रयास करते हैं, तो यह आपको लंबे समय में अधिक मसल्स बनाने में मदद करेगा।
आपकी ट्रेनिंग में प्रोग्रेसिव ओवरलोड महत्वपूर्ण है। इसका मतलब है कि आपको लगातार अपनी स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए। जब आप हर बार थोड़ा और भारी वजन उठाएंगे, तो आपकी मसल्स में लगातार विकास होगा। इसके साथ-साथ, आपकी डाइट को भी सही तरीके से संभालना चाहिए। आपको प्रोटीन का सेवन बढ़ाना चाहिए और अपनी कैलोरी को कंट्रोल में रखना चाहिए, ताकि शरीर को मसल्स बनाने का सही वातावरण मिले।
इस तरह से आप बिना ज्यादा फैट बढ़ाए, लीन मसल्स बना सकते हैं और अपनी फिटनेस यात्रा में निरंतर विकास कर सकते हैं।
Conclusion:
दोस्तों तो आज हमने इस लेख में यह पढ़ा की बल्क और कटिंग का सही रस्ता कौनसा होता है। यदि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा तो आपके दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर कीजिए। और हमारे इस पेज के पिछ्ले लेख भी पढ़ना मत भूलिए।
धन्यवाद!
FAQ:
Bulking और Cutting क्या है?
Bulking: मसल्स मास बढ़ाने के लिए अधिक कैलोरी और प्रोटीन वाले डाइट प्लान को फॉलो करना। Cutting: शरीर से फैट कम करने के लिए कैलोरी डेफिसिट में रहना और प्रोटीन बनाए रखना ताकि मसल्स लॉस ना हो।
Bulking में क्या खाना चाहिए?
चिकन, अंडा, पनीर, दालें। कार्बोहाइड्रेट: ब्राउन राइस, ओट्स, आलू। फैट्स: नट्स, एवोकाडो, घी। अधिक कैलोरी के लिए हर 2-3 घंटे में खाने की आदत डालें।
Cutting में किस तरह का डाइट लेना चाहिए
हाई प्रोटीन: मसल्स को बनाए रखने के लिए। लो कार्ब: फैट कम करने के लिए। हेल्दी फैट्स: शरीर को ऊर्जा देने के लिए। कैलोरी डेफिसिट में रहें, लेकिन पोषण का ध्यान रखें।
Bulking और Cutting का सही समय क्या है?
Bulking: ठंड के मौसम में, जब शरीर अधिक कैलोरी आसानी से उपयोग कर सकता है। Cutting: गर्मियों में, जब अधिक पसीना आता है और कैलोरी बर्न होती है।
क्या Bulking और Cutting के दौरान Supplements ज़रूरी हैं?
ज़रूरी नहीं, अगर आपका डाइट बैलेंस्ड है।
टिप्पणियाँ